शिक्षा का अधिकार, हरिद्वार। ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) आईडी की रैंकिंग में उत्तराखंड सभी राज्यों में आठवें स्थान पर है। राज्य में अब तक 42.2 फीसदी छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बनाई जा चुकी है। वन नेशन वन आईडी कार्यक्रम के तहत शुरू हुए इस अभियान में 67.46 प्रतिशत के साथ चमोली जिला अपार आईडी बनाने में राज्य में पहले स्थान पर है। राज्य परियोजना निदेशक झरना कमठान ने कहा कि राज्य की प्रगति हालांकि अन्य राज्यों से अच्छी है लेकिन अपार आईडी बनाए जाने में विद्यालय स्तर पर कुछ व्यावहारिक जन्मतिथि आदि में विसंगति है। अपार आईडी के लिए आधार नंबर कठिनाइयां भी आ रही हैं। छात्र- छात्राओं के आधार एवं स्कूल अभिलेखों में नाम, पिता का नाम, डालना आवश्यक है जो आधार के आंकड़ों पर ही छात्र विवरण स्वीकार कर रहा है। विद्यालय अभिलेखों में उक्त विवरण अलग होने के कारण विद्यालय स्तर से बिना संशोधन किए विवरण दिए जाने में कठिनाई है। इसलिए प्रगति अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो पा रही है। राज्यों की प्रगति अपेक्षित न होने के कारण केंद्र सरकार ने नौ व 10 दिसंबर को राष्ट्रीय स्तर पर मेगा अपार दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में विकास खंड स्तर पर समीक्षा हो रही है।
चमोली, बागेश्वर पौड़ी व अल्मोड़ा 60 फीसदी के पार
चमोली, बागेश्वर, पौड़ी व अल्मोड़ा की प्रगति 60 फीसदी से अधिक है। चमोली में 67.46 प्रतिशत, बागेश्वर में 64.83 प्रतिशत, पौड़ी में 62.79 प्रतिशत, अल्मोड़ा में 60.04 प्रतिशत, चंपावत में 56.01 प्रतिशत, पिथौरागढ़ में 52.78 प्रतिशत एवं टिहरी में 51.89 प्रतिशत की प्रगति अपेक्षाकृत अच्छी है। शेष जिलों को प्रगति सुधारने के निर्देश दिए गए हैं। हैं। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों एवं मुख्य शिक्षा अधिकारियों को प्रतिदिन अपने से उच्च स्तर के अधिकारी के साथ प्रगति और आंकड़े साझा करने के निर्देश दिये गए हैँ।