हरिद्वार। मनोज सहगल और उनके पुत्र निश्चय सहगल का रावण-अंगद संवाद इतना प्रसिद्ध हो चुका है कि उन्हें बाहर की रामलीलाओं में भी बुलाया जा रहा है। हाल ही में पिता-पुत्र देहरादून जिले के रायवाला के प्रतीत नगर में होने वाली रामलीला में रावण-अंगद संवाद कर वाहवाही लूट चुके हैँ। अपनी व्यस्त दिनचर्या से समय निकालकर गुरुजी और उनका पुत्र अन्य कलाकारों के साथ ही घर पर भी रिहर्सल करते हैं। लंकापति के दरबार में रावण और अंगद के बीच होने वाले संवाद लीला को दर्शक देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
हम बात कर रहे हैं ऋषिकुल नई बस्ती के रहने वाले मनोज सहगल की। दरअसल, मनोज पेशे से शिक्षक हैं। वह फिलहाल राजकीय प्राथमिक विद्यालय नंबर-29 मायापुर में प्रधानाध्यापक हैं, लेकिन इन्हें बच्चों को पढ़ाने के साथ ही रामलीला में अभिनय करने का भी पुराना शौक है। इसलिए उन्होंने 21 साल पहले बड़ी रामलीला हरिद्वार से अभिनय शुरू करने के बाद आज तक पीछे मुड़कर नहीं देखा। खास बात यह है कि उनके पुत्र निश्चय सहगल भी नो साल से रामलीलाओं में कलाकार बनते आ रहे हैं। चार साल से पिता रावण और बेटा अंगद बनकर आपस में बेहतरीन ढंग से लंका में हुए संवाद की घटना का नाटक पेश कर सबको अपनी तरफ आकर्षित कर लेते हैं। इस बार भी दोनों का रावण व अंगद संवाद देहरादून के प्रतीत नगर में संपन्न हुआ। जिसे देखने के लिए दर्शकों का हुजूम इकट्ठा हो गया। रावण और अंगद के बीच रामलीला दरबार में होने वाले संवाद को देखकर दर्शक मंत्रमुग्ध हो गये।
वीडियो साभार उत्तराखंड टाइम्स