हरिद्वार। संदिग्ध चिकत्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के मामले में राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट की सहायक अध्यापिका को जिला शिक्षा अधिकारी प्राथमिक शिक्षा आशुतोष भंडारी द्वारा निलंबित किया गया है। इस अवधि में उनको उप शिक्षा अधिकारी कार्यालय में सम्बद्ध किया गया है।
विभागीय आदेश में लिखा गया कि चिकित्सा अवकाश लेकर श्रीमती सुनीता रानी सहायक अध्यापिका के द्वारा अपनी कार्यावधि में लिए गये चिकित्सा अवकाश स्वीकृति हेतु संदिग्ध चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये गये है। उपशिक्षा अधिकारी, बहादराबाद की जांच आख्या दिनांक 10 अक्टूबर 2024 में दिये गये अभिमत में उल्लेख है कि “श्रीमती सुनीता रानी सहायक अध्यापिका रा.प्रा.वि. धोबीघाट बहादराबाद, हरिद्वार द्वारा पूर्व के विद्यालय में कार्यरत रहते हुए अपने चिकित्सा प्रमाण पत्र पंजीकरण संख्या 34537, 35978 कार्यालय में उपब्लध कराये। जबकि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 में प्राप्त सूचना, सत्यापन की रिपोर्ट में स्पष्ट है कि पंजीकरण 34537, 35978 पर श्रीमती सुनीता रानी का कोई पंजीकरण नहीं है तथा न ही इन दोनो पंजीकरणों पर कोई प्रमाण पत्र जारी हुआ है। श्रीमती सुनीता रानी से लिए गये स्पष्टीकरण के प्रतिउत्तरों में भी कोई संतोषजनक जवाब एवं तथ्य प्रस्तुत नही कर सकी अपितु श्रीमती सुनीता रानी के तथ्यों से भी स्पष्ट है कि पंजीकरण संख्या 34537, 35978 पर इनका कोई पंजीकरण नही है। श्रीमती सुनीता रानी ने द्वारा उपलब्ध कराये गये चिकित्सा प्रमाण पत्र पंजीकरण संख्या 34537, 35978 संदिग्ध प्रतीत होते है। जिनकी जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्तर से कराया जाना उचित होगा। श्रीमती सुनीता रानी स.अ. द्वारा कार्यालय को जानबूझकर गुमराह करने विभाग / कार्यालय की छवि धूमिल करने का प्रयास किया गया है जो कि उत्तराखण्ड़ कर्मचारी आचरण नियमावली के विरूद्ध आचरण प्रदर्शित करता है। उपरोक्त बिन्दुवार तथ्यों के दृष्टिगत श्रीमती सुनीता रानी स.अ. राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोबीघाट, बहादराबाद, हरिद्वार की निलम्बन की संस्तुति की जाती है। श्रीमती सुनीता रानी राजकीय प्राथमिक विद्यालय धोवीघाट, बहादराबाद को जांच कार्यवाही पूर्ण होने तक तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए कार्यालय उपशिक्षा अधिकारी, बहादराबाद में सम्बद्ध किया जाता है। श्रीमती सुनीता रानी द्वारा अपनी कार्यावधि में लिए गये चिकित्सा अवकाश स्वीकृति हेतु संदिग्ध चिकित्सा प्रमाण पत्रो की जांच हेतु खण्ड शिक्षा अधिकारी, भगवानपुर, हरिद्वार को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच अधिकारी द्वारा आरोप पत्र पृथक से निर्गत किया जायेगा।