हरिद्वार। आपकी आँखे अनमोल हैँ। इनका खास ख्याल रखिये। दीप पर्व उल्लास का पर्व है ऐसे में जरा सी लापरवाही आपके त्यौहार के मजे को फीका कर सकती है। बड़े अपने साथ साथ बच्चों का भी खास ख्याल रखें। यह बात वरिष्ठ नेत्र सर्जन एवं एसोसिएट प्रोफेसर ( गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज श्रीनगर गढ़वाल) डॉ. दिनेश सिंह ने एक खास बातचीत में कही।
आज दीपावली का त्यौहार है। इस पर्व पर पटाखे जलाने की प्रथा है। पटाखे जलाते समय आखों के जख्मी होने का डर अधिक होता है। ऐसे में आइए जाने डॉ. दिनेश सिंह से कुछ जरूरी टिप्स जिनके जरिए पटाखें जलाते समय खुद को और अपनी नाजुक आंखों को बचाया जा सके। डॉ. सिंह कहते हैँ कि पटाखे फोड़ते समय आंखों को बचाने के लिए चश्मा लगा लें। पटाखे के बाद उड़ने वाले मलबे से आखें सुरक्षा रहेंगी। चश्मा फॉस्फोरस के धुएं व प्रदूषण से भी आंखों की सुरक्षा देगा। पटाखों को बनाने में केमिकल का इस्तेमाल होता है जिससे एलर्जी हो सकती है। ऐसे में पटाखे जलाने के बाद अपनी आंखों को कतई न छुएं, आंखों को रगड़ने से बचें। ऐसा करने से आंखों में सूखेपन की दिक्कत से बच सकेंगे।
वह कहते हैँ कि पटाखे जलाते समय बच्चों का खास ख्याल रखें और उन्हें पटाखों से दूर रखें। बच्चों की आंखों में धुएं आदि न जाएं इसके लिए पटाखों से एक हाथ की दूरी पर ही रहने दें। पटाखे जलाते समय अगरबत्ती का इस्तेमाल करें। फुलझड़ियां अधिक हानिकारक नहीं होती लेकिन इनसे भी आंखों को बचाने की जरूरत होती है। हालांकि इनसे कई बार कॉर्निया पर चोट लग सकती हैं, जो पलक झपकते ही जलन भी पैदा कर सकती हैं। इससे विजन को खतरा हो सकता है। फुलझड़ियों को ध्यान से जलाएं। डॉ. सिंह कहते हैँ कि आतिशबाजी देखते समय ध्यान रखें कि इनसे आपका सिर और चेहरा दूर रहे। गर्म मलबे के साथ-साथ हानिकारक स्मोक आपके ऊपर या आंखों पर गिर सकता है। जिससे आंखों को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। किसी भी आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार लें।