शिक्षा का अधिकार डेस्क। नैनीताल के ओखलकांडा स्कूल में सात शिक्षकों के बावजूद इकलौते छात्र के दसवीं में फेल होने के मामले में डीजी शिक्षा ने कार्रवाई की है। स्कूल के प्रधानाचार्य समेत सात शिक्षकों को एडवर्स एंट्री देने का निर्णय लिया है। स्कूल के वरिष्ठ सहायक को भी एडवर्स एंट्री दी जाएगी। स्कूल के प्रधानाचार्य के वित्तीय अधिकार छीनकर निकटवर्ती अटल उत्कृष्ट जीआईसी-पतलोट के प्रधानाचार्य को दे दिए गए हैं।
छात्र के फेल होने की नैनीताल के सीईओ गोविंद जायसवाल ने जांच की। सीईओ ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। पाया गया कि स्कूल के सभी शिक्षकों के बीच परस्पर समन्वय का अभाव है। शिक्षक शिक्षण अधिगम के प्रति उदासीन रहे हैं। यही वजह है कि कक्षा 6 से 10 तक पढ़ रहे बाकी 12 बच्चों का शैक्षिक स्तर भी संतोषजनक नहीं है। रिपोर्ट में साफ है कि शिक्षकों की उदासीनता का प्रभाव आगे भी पड सकता है। दसवीं कक्षा के एकमात्र छात्र के फेल होने के मामले में जांच अधिकारी ने कहा कि वह बच्चा पढ़ने लिखने में अत्यधिक कमजोर है। वह लगभग विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की भांति है। शिक्षकों ने स्कूल में पठन पाठन को गंभीरता से नहीं लिया गया है। इसी वजह से छात्र संख्या भी कम है और शैक्षिक स्तर भी कमजोर। महानिदेशक ने बताया कि सीईओ ने प्रधानाचार्य के वित्तीय अधिकार हटा दिए हैं। सीईओ ने सभी शिक्षकों और विभागीय कार्यों में लापरवाही के लिए वरिष्ठ सहायक को शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए एडवर्स एंट्री देने की सिफारिश की है। उसे लागू किया जा रहा है।