नगर निगम जमीन खरीद घोटाले में हरिद्वार के डीएम सस्पेंड, अन्यों पर भी हुई कार्यवाही

देहरादून/हरिद्वारः उत्तराखंड की धामी सरकार ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं करेगी। हरिद्वार में सामने आए बहुचर्चित भूमि घोटाले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के तहत हरिद्वार के जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, आईएएस अधिकारी वरुण चौधरी, और पीसीएस अधिकारी जयवीर सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

हरिद्वार जिले में जमीन की खरीद-फरोख्त में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं और फर्जीवाड़े की शिकायतें पिछले कुछ समय से सामने आ रही थीं। जांच में इन शिकायतों की पुष्टि होने पर शासन ने यह कड़ा कदम उठाया है। बताया जा रहा है कि घोटाले में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को निजी हित में ट्रांसफर किया गया और सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं।

 

क्या था मामला

हरिद्वार नगर निगम द्वारा कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त और सस्ती कृषि भूमि को 54 करोड़ रुपये में खरीदने के मामले ने राज्यभर में हलचल मचा दी थी। न तो भूमि की वास्तविक आवश्यकता थी, न ही पारदर्शी बोली प्रक्रिया अपनाई गई। शासन के स्पष्ट नियमों को दरकिनार कर एक ऐसा सौदा किया गया जो हर स्तर पर संदेहास्पद था।

लेकिन इस बार मामला रफा-दफा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई और रिपोर्ट मिलते ही तीन बड़े अफसरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की।

 

जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई, वे हैं:

कर्मेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी (डीएम), हरिद्वार: भूमि क्रय की अनुमति देने और प्रशासनिक स्वीकृति देने में उनकी भूमिका संदेहास्पद पाई गई।

वरुण चौधरी, पूर्व नगर आयुक्त, हरिद्वार: उन्होंने बिना उचित प्रक्रिया के भूमि क्रय प्रस्ताव पारित किया और वित्तीय अनियमितताओं में प्रमुख भूमिका निभाई।

अजयवीर सिंह, एसडीएम: जमीन के निरीक्षण और सत्यापन की प्रक्रिया में घोर लापरवाही बरती गई, जिससे गलत रिपोर्ट शासन तक पहुंची।

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