मेरठ। प्रदेश में योगी लॉ एंड आर्डर के मामले में सख्त माने जाते हैँ। परन्तु कुछ लोग अपनी कारगुजारियों से नियम क़ानून को ठेंगा दिखाते रहते हैँ। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसके तहत शिक्षिका घर बैठे ही वेतन ले रही थी। जिसको अब निलंबित किया गया है।
मेरठ के परीक्षितगढ़ के एक प्राथमिक विद्यालय का अजब कारनामा प्रकाश में आया है। यहां एक टीचर ने नियुक्ति के बाद स्कूल आना ही बंद कर दिया। बहाली के बाद 2920 दिन में टीचर मात्र 759 दिन ही स्कूल आई थी। बाकी के दिनों में वो नदारद थी। लेकिन इसके बाद भी टीचर के खाते में लगातार सैलरी क्रेडिट हो रही थी। जब निरीक्षण किया गया तो पता चला कि टीचर की अटेंडेंस लगातार बनती जा रही थी। इस कारण उसकी सैलरी क्रेडिट की जा रही थी। इस मामले में अब एक्शन लिया गया है, जांच होने पर पता चला कि अध्यापक सुजाता यादव लंबे समय से स्कूल नहीं आई थी। उनकी अनुपस्थिति की वजह से बच्चों की पढ़ाई काफी ज्यादा प्रभावित हो रही थी। जब बार-बार छुट्टी के एप्लिकेशन अप्प्रूव हुए, तब ये मामला संज्ञान में आया। जब टीचर की अटेंडेंस रजिस्टर जांची गई तो पता चला कि स्कूल ना आने के बाद भी उसकी पूरी हाजरी बनी हुई थी। इसके बाद जांच बैठी तो मामले में टीचर को सस्पेंड कर दिया गया। उसके साथ ही साथ स्कूल के प्रिंसिपल धर्म सिंह भी नप गए हैँ।