हरिद्वार। जहां चाह वहां राह केवल मूल्यों पर आधारित युक्ति नही है, अपितु व्यवहार तथा कर्म के तप से प्राप्त की जाने वाली सिद्धि है, जिसे हासिल करने के लिए अकल्पनीय साहस एवं शारीरिक संघर्ष से जददोजहद करनी पडती है। ऐसा ही कठोर श्रम जयन्त चौधरी ने सर्वाधिक फ्रन्ट रोल लगाकर इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड मे अपना नाम अंकित कराकर विश्वविद्यालय का गौरव बढाया है। ज्ञात हो कि गुरुकुल कांगडी समविश्वविद्यालय, हरिद्वार के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में एम.पी.एड. प्रशिक्षु छात्र जयन्त चौधरी ने एक मिनट मे सर्वाधिक 66 फ्रन्ट रोल लगाकर इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड मे सर्वाधिक फ्रन्ट रोल लगाकर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रशिक्षु छात्र की इस उपलब्धि पर आयोजित सम्मान कार्यक्रम मे विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. हेमलता के. ने छात्र को बधाई एवं सम्मानित करते हुये कहॉ कि छात्र जीवन मे खिलाडी-कोच का नाता सबसे अहम होता है। खिलाडी खेल मे परिश्रम करता है तथा उसकी कला को पहचान एवं विशिष्टता एक बेहतर कोच ही प्रदान कर सकता है। कोच ही खिलाडी के विलक्षित गुणों की पहचान करके उसको तराशता है। कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि छात्रों मे असंख्य गुणों का खजाना होता है, जिनकी पहचान के लिए वातावरण एवं सुयोग्य कारीगर की आवश्यकता होती है। छात्र द्वारा हासिल की गई इस उपलब्धि से अन्य छात्र भी प्रेरणा प्राप्त कर सकेगे। प्रभारी, शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग डॉ. अजय मलिक ने बताया कि छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने के लिए सभी शिक्षक भरपूर सहयोग एवं परिश्रम करते है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने बताया कि जिम्नास्टिक से जुडी इस कला मे बेहतरी के लिए केवल शारीरिक ही नही अपितु मानसिक एवं स्नायुतंत्र पर भी असहनीय दबाव पडता है, जिसके कारण शरीर की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। सम्मान कार्यक्रम मे आई.क्यू.ए.सी. डायरेक्टर प्रो. विवेक गुप्ता, मुख्य परीक्षा नियन्त्रक प्रो. एल.पी. पुरोहित, डीन, योग एवं शारीरिक शिक्षा प्रो. सुरेन्द्र कुमार त्यागी, डॉ. अजय मलिक, डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ. कपिल मिश्रा, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष रजनीश भारद्वाज, महामंत्री नरेन्द्र मलिक, कुलदीप कुमार, अर्जुन सिंह, राजकुमार, अश्वनी कुमार, राजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम मे छात्र जयन्त चौधरी को इण्डिया बुक ऑफ रिकॉर्ड की प्रति, गोल्ड मेडल एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान करके कुलपति प्रो. हेमलता द्वारा सम्मानित किया गया।