शिक्षा का अधिकार डेस्क। साइबर ठग लोगों को अपनी गिरफ्त में लेने के लिए तरह तरह के फार्मूले प्रयोग कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को ठगने के मामले बहुतायत में प्रकाश में आ रहे हैं। साइबर ठग खासकर शिक्षिकाओं को अपने निशाने पर ले रहे हैं। यदि आपके पास भी कोई अनजान कॉल आती है तो अपनी जानकारी किसी से साझा न करें।
रानीखेत की रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका सिराज को साइबर ठगों ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग गिरोह से बैंक खाता लिंक होने का डर दिखाकर 19 जून से 21 जून तक (72 घंटे) डिजिटल अरेस्ट किया। ठगों ने शिक्षिका को डराकर 50 लाख रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। पीड़िता की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने केस दर्ज किया है।
रानीखेत के जरूरी बाजार निवासी सिराज ने साइबर पुलिस को दी तहरीर में कहा कि 19 जून को वह घर पर थी। उनकी भांजी महनाज भी घर आई थी। दिन में उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को टेलीकॉम अधिकारी बताते हुए उनके नंबर से अश्लील फोटो शेयर करने की जानकारी दी। कुछ समय बाद दूसरे नंबर से फोन आया। कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी
बताते हुए कहा कि उसके पास सीबीआई से फोन आएगा। फिर अन्य दो नंबरों से फोन आए। कॉल करने वालों ने खुद को सीबीआई का अफसर बताया। कॉलर ने उनका नाम, पता, बैंक खाते, गहनों और जमीन की जानकारी लेते हुए कहा कि अब डीएसपी से बात करेंगे।
इसके बाद उन्हें वीडियो कॉल की गई। दो घंटे में मुंबई पुलिस स्टेशन नहीं पहुंचने पर गिरफ्तारी की चेतावनी दी गईं। शिक्षिका को डराया गया कि उनके आधार नंबर से वर्ष 2020 में केनरा बैंक मुंबई में खोले गए अकाउंट में बड़ा लेनदेन हुआ है।