रुद्रप्रयाग। बीएड की फर्जी डिग्री से शिक्षा विभाग में नौकरी के मामले में तीन शिक्षिकाओं को अदालत ने पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। दोषी शिक्षिकाओं को पुरसाड़ी जेल भेज दिया गया। अदालत ने प्रति शिक्षा विभाग को भी भेज दी है। साथ ही गैर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। दोषी तीनों शिक्षिकाओं ने चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से बीएड की डिग्री के आधार पर शिक्षिका की नौकरी प्राप्त की थी। कुछ वर्ष बाद शिकायत पर विभाग ने एसआईटी से डिग्री की जांच कराई, जो फर्जी मिली। विभाग ने इन्हें पहले निलंबित और बाद में बर्खास्त कर दिया। विवेचना पूरी करते ही पुलिस ने जिला न्यायालय में केस दर्ज किया। दोनों पक्षों की सुनवाई पूरी होने के बाद मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की अदालत ने तीनों शिक्षिकाओं को दोषी पाते हुए पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास और 10-10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।