इस अवसर पर सम्मेलन ने सावित्री बाई फुले के योगदान को याद किया। सम्मेलन में भोजनमाताओं ने अपने संघर्षों और मांगों पर चर्चा की। उन्होंने अपने अधिकारों की मांग की और सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने की अपील की। सम्मेलन के अंत में एक 43 सूत्रीय मांग पत्र पास किया गया, जिसमें आर्थिक से लेकर राजनीतिक सभी प्रकार की मांगें शामिल हैं। सम्मेलन में नवनिर्वाचित पदाधिकारियों की घोषणा की गई।
कुमाऊं मंडल के रामनगर से भोजनमाता शारदा को अध्यक्ष, हल्दवानी से रजनी जोशी को महामंत्री, हरिद्वार से रजनी को उपाध्यक्ष और हरिद्वार से नीता गहलोत को कोषाध्यक्ष चुना गया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष शारदा ने कहा कि आज हमारी यूनियन की सबसे बड़ी जरूरत उसे ज्यादा से ज्यादा भोजनमाताओं के बीच लेकर जाना है और उनकी मांगों को लेकर संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि हमें सावित्री बाई फुले से प्रेरणा लेकर यूनियन के काम को मजबूत प्रदान करना है। महामंत्री रजनी जोशी ने कहा कि हमें अपने संघर्ष को सिर्फ आर्थिक मांगों तक सीमित नहीं करना है, बल्कि हमें समस्त महिला आबादी के मुक्ति के लिए भी संघर्ष को आगे बढ़ाना है।
उन्होंने कहा कि हमें महिलाओं के लिए काम कर रही रूढ़िवादी सामंती सोच के खिलाफ संघर्ष को भी बुलंद करना है। सम्मेलन का समापन जुलूस के साथ किया गया। इसमें भोजनमाताओं ने अपने अधिकारों की मांग की।