शिक्षा का अधिकार डेस्क ( डॉ. शिवा )। उत्तराखंड के एक शिक्षक जिनके नाम का डंका दूर दूर तक बजता है। वो शिक्षक जिन्होंने लोगों को नरभक्षी बाघों के प्रकोप से बचाने के लिए बन्दूक उठा ली। 11 जिलों में जहां भी बाघ का आतंक हुआ उनको याद किया जाता रहा । 2024 में वह शिक्षा विभाग से रिटायर हुए और अब उनके जीवन पर फिल्म रिलीज होने जा रही है। उत्तराखंड का नाम बॉलीवुड में चमका रहे हेमंत पांडेय अब गढ़वाली भाषा में फिल्म बनाने जा रहे हैं। पांडेय जी के नाम से मशहूर हेमंत की आने वाली फिल्म का नाम ‘ ऐ ईजा बाघ’ है, जो एक सच्ची घटना पर आधारित है। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए हेमंत पांडेय रविवार को हरिद्वार प्रेस क्लब पहुंचे थे। यह फिल्म लखपत सिंह रावत नामक शिकारी के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने बच्चों की सुरक्षा के लिए शिक्षक की नौकरी के अलावा शिकारी का काम भी किया। लखपत सिंह रावत जिम कॉर्बेट से भी बड़े शिकारियों में शुमार हुए हैं। लखपत जब शिक्षक थे, तब एक आदमखोर बाघ ने 12 छात्रों को अपना शिकार बना लिया। ऐसे आदमखोर को मारने के लिए वे अध्यापक से शिकारी बन गए और 52 आदमखोरों का शिकार किया। अब उनकी जीवनी पर गढ़वाली-कुमाऊंनी बोली में एक फिल्म बनने जा रही है।
लखपत ने अपने जीवनकाल में 53 गुलदारों और 2 बाघों का शिकार किया। वे संकट की स्थिति में वन विभाग और स्थानीय लोगों के साथ खड़े रहे। जिम कार्बेट ने अपने जीवन में 33 बाघ ढेर किए थे, उनका रिकॉर्ड रावत ने तोड़ा। बंदूक से निकली उनकी गोली अचूक होती थी। लखपत ने अपने शिकार से जुड़े किस्से लोगों के बीच शेयर किए थे। लखपत मूल रूप से कुमाऊं-गढ़वाल की सीमा क्षेत्र पर पड़ते गैरसैंण गांव के रहने वाले हैं। 2000-2002 के बीच एक नरभक्षी बाघ ने जब 12 बच्चों को निशाना बनाया, तब अभिभावकों ने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर दिया था। वन विभाग से अनुमति लेने के बाद रावत ने उस बाघ को ढेर कर दिया था।
लखपत ले चुके गुरिल्ला प्रशिक्षण
सीमा सुरक्षा बल (SSB) सीमावर्ती इलाकों में गुरिल्ला ट्रेनिंग देता है, जिसकी वजह से रावत को बंदूक चलाने का अनुभव था। इसके बाद जब गुलदारों के हमले बढ़ गए, तब वन विभाग लखपत रावत की डिमांड करने लगा।
उन्होंने अंतिम बार अल्मोड़ा के भिकियासैंण में 2021 में एक नरभक्षी गुलदार को ढेर किया था। 31 मार्च 2024 को वे एजुकेशन डिपार्टमेंट से हेडमास्टर रिटायर्ड हुए।
अब हेमंत पांडे उनके जीवन पर बनी फिल्म को रिलीज करने जा रहे हैं।