हरिद्वार। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने नमामि गंगे घाट पहुंचकर आर्य समाज की 150वीं जयंती पर आयोजित 5100 कुंडीय राष्ट्रभृत महायज्ञ में प्रतिभाग़ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आर्य युवा समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी सूरी उपस्थित रहे।
बुधवार की शाम को महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती और आर्य समाज की 150वीं वर्षगांठ पर आर्य युवा समाज और उत्तराखंड के समस्त नौ डीएवी पब्लिक स्कूलों के संयुक्त तत्वावधान में हुए कार्यक्रम में युवा आर्य समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगी सूरी ने कहा कि मेरे देश की मिट्टी में कुछ तो खास है। चंडीघाट की इस पावन भूमि पर स्वतंत्रता सेनानी आए। महर्षि दयानंद सरस्वती, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता की अलख जगाई। देश भक्ति की प्यास और आर्यों का विश्वास इस मिट्टी में है। उन्होंने कहा कि विज्ञान तो सभी स्कूल सिखा रहे हैं, लेकिन अध्यात्म डीएवी सिखाता है। यहां पर महायज्ञ का महत्व है कि हमारा शरीर एक यज्ञ वेदी है। इंद्रियां समिधाएं हैं। आत्मा अग्नि है और दिल इसमें घी है। यदि संसार में सफल होना है तो जीवन को यज्ञ बनाना होगा। यह तभी संभव हो पाएगा, जो इंद्रिय रूपी समिधाएं शुद्ध होंगी। अपना चरित्र निर्माण करके यज्ञमयी जीवन जी पाएं। कहा कि इस यज्ञ से छात्र-छात्राएं सफल होंगे, समाज, राष्ट्र का भी उत्थान होगा। उन्होंने बच्चों को शिक्षा, संस्कारों और संस्कृति से जुड़ने का आह्वान किया। इस मौके पर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिनेश शास्त्री, जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह, कार्यक्रम संयोजक अल्पना शर्मा, पुरोहित, डीएवी पब्लिक स्कूल जगजीतपुर के प्रधानाचार्य मनोज कपिल आदि मौजूद रहे।